TOP TNF News: इन छोटे छोटे उपायों से करें ग्रह दोषों का अंत

इन छोटे छोटे उपायों से करें ग्रह दोषों का अंत





दोस्तों हमारे जीवन पर ग्रहों का प्रभाव सुख और दुख के रूप में दिखता है। अगर ग्रह शुभ है तो जीवन में कठिनाइयों का प्रवेश नहीं होता है। खराब होने पर ग्रहों की पीड़ा से जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं, कि किस ग्रह के लिए कौन सा उपाय आपके लिए लाभदायक होगा।


सूर्य ग्रह

नवग्रह में राजा सूर्य व्यक्ति की आत्मा का परिचायक है। बदनामी, हृदय रोग, हड्डियों की समस्या सूर्य के कमजोर होने के कारण होती है। सूर्य देव को मजबूत करने के लिए सूर्य की उपासना करें। अगर सूर्य की पीड़ा अधिक हो रही है तो रविवार को गुड़ का दान करें।


चंद्र ग्रह

चंद्रमा व्यक्ति के मन का प्रतिनिधित्व करता है। मानसिक रोग, अस्थमा और रक्त में विकार होना चंद्रमा के कमजोर होने के कारण होता है। शिवजी की उपासना चंद्रमा को मजबूत करने के लिए सर्वोत्तम उपाय माना गया है। चंद्रमा की पीड़ा अधिक होने की स्थिति में सोमवार को दूध या मिश्री का दान करें।


मंगल ग्रह

भूमि पुत्र मंगल, ग्रह का सेनापति माना गया है। और व्यक्ति के साथ का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल ग्रह के कमजोर होने पर दुर्घटना, कारावास, रिश्तो में समस्याओं के साथ संपत्ति विवाद भी उत्पन्न होते हैं। हनुमानजी की उपासना मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए उत्तम बताई गई है। मंगलवार को मीठी रोटी बांटने से मंगल ग्रह द्वारा उत्पन्न पीड़ादायक परिस्थितियों मैं बहुत लाभदायक होता है।


बुध ग्रह

ग्रहों का राजकुमार माना गया है बुध ग्रह को।  व्यक्ति की बुद्धि और वाणी को बुध ग्रह का अधिकार क्षेत्र कहा गया है। बुध ग्रह के कमजोर होने की स्थिति में विचार शक्ति, गला नाक कान, त्वचा, वाणी की समस्या होती है। श्री हरि विष्णु की उपासना बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए श्रेष्ठ साधन होता है। अधिक समस्या हो तो बुधवार को हरी सब्जी हरे चारे का दान करना हितकर होता है।


बृहस्पति ग्रह

देवगुरु बृहस्पति ग्रहों में सर्वोत्तम आदरणीय पवित्र ग्रह माने गए हैं। यह व्यक्ति के धर्म विषाक्तता की भावना कितनी है यह बृहस्पति की कुंडली में स्थिति के अनुसार जान सकते हैं। मोटापा, अहंकार, पेट के रोग व अधर्म की तरफ झुका बृहस्पति ग्रह के कमजोर होने के लक्षण होते हैं। भगवान शिव जी की उपासना और साधु संतों का सम्मान बृहस्पति को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होते हैं। गुरुवार को पके केले का दान बृहस्पति द्वारा उत्पन्न पीड़ा से मुक्ति दिलाता है।


शुक्र ग्रह 

सुख और समृद्धि का प्रतीक होता है शुक्र ग्रह। व्यक्ति के सुख दुख मैं शुक्र ग्रह का बड़ा योगदान माना गया है। शुक्र ग्रह के कमजोर होने की स्थिति में परिवारिक और अन्य किसी भी सुख में कमी हो जाती है। देवी मां की पूजा अर्चना करने से शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं। शुक्र ग्रह की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए दही या सुगंधित वस्तुओं का दान लाभदायक होता है।


शनि ग्रह

शनि देव ग्रहों के सेवक माने जाते हैं, और व्यक्ति के कर्म फल दाता कहा गया है। व्यक्ति को रोजगार व सामाजिक क्षेत्र में संघर्ष करना पड़ता है, तो पक्का है कि उस व्यक्ति का शनि ग्रह कमजोर स्थिति में है। शनिदेव को मजबूत स्थिति स्वयं शनि देव, हनुमानजी की उपासना से प्राप्त होती है। अगर शनि पीड़ा अधिक हो रही है, तो शनिवार को काली दाल या काले चने व सरसों के तेल का दान सर्वोत्तम होता है।


राहु ग्रह

राहु को छाया ग्रह माना गया है व्यक्ति के जीवन रहस्य राहु के राजेश क्षेत्र मे माना गया है। राहु की खराब स्थिति हो तो जीवन में समस्याएं के कारणों का पता नहीं चल पाता है, सब कुछ रहस्य में ही रहता है। भगवान काल भैरव की उपासना राहु दोष को शांत करती है। राहु को शांत करने के लिए पक्षियों के लिए मिक्स अनाज डालना अच्छा माना गया है।


केतु ग्रह

केतु ग्रह को भी छाया ग्रह की श्रेणी में माना जाता है। व्यक्ति की गोपनीय समस्याओं और अध्यात्म से व्यक्ति के संबंध केतु की स्थिति द्वारा जाना जाता है। व्यक्ति को गोपनीय समस्याएं होती हैं, और व्यक्ति तंत्र मंत्र की तरफ आकर्षित होने लगता है। केतु के लिए भगवान श्री गणेश जी की उपासना लाभदायक बताई गई है। केतु जनित दोष निवारण हेतु कंबल या मोटे वस्त्रों का दान फलदायक होता है।





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